पण परबु का पाछा आबा को दन चोर की जस्यान आवलो। बी दन आम्बर जोरसुं गाजर जातो रेव्अलो, अर आम्बर का तारा पघळ जाव्अला, अर धरती अर बीक्अ माळ्अ का काम बळ जाव्अला।
म थान्अ एक ओर नयो आदेस मांडु छु। ईकी सच्चाई मसी की जन्दगी मं अर थांकी जन्दगी मं परकट हुई छ। क्युं क अंधेरो छटग्यो अर परबु को सांचो उजाळो चमकबो सरू होयो छ।