थे म्हारअ मायन्अ बण्यारेवो, अर म थांक्अ मायन्अ। जस्यान डाळी अंगूरा की बेल मं लागी कोन्अ रव्अ तो फळ कोन सक्अ। वस्यानई थे बी म्हारअ मायन्अ बण्या कोन्अ रेवो तो कोन फळ सको।”
ये मनख थिस्सलुनीके का मनखा सुं सावटा चोखा छा। ये मनख पूरो मन लगार बचन न्अ सुणता अर रोजिना सास्तरा न्अ पढ़ता अर या जांच करता क पौलुस ज्यो बाता बतायो छ वे सांची छ।
अब आग्अ सुंई दनीया की रीति प्अ मत चालो पण खुदका मना न्अ नया कर खुदन्अ बदलल्यो जिसुं थे परमेसर की मन्सा न्अ परखर जाण सको। मतबल ज्यो चोखो छ, ज्यो उन्अ भाव्अ छ अर पूरो छ।
अस्यानको कुण छ ज्यो दूसरा का मन की बाता न्अ जाणले। मनखा की आत्मा क अलावा खुदका बच्यारा न्अ कोई कोन जाण्अ, वस्यान ई परमेसर की आत्मा क अलावा परमेसर का बारा मं कोई कोन जाण्अ।
क्युं क वाम्अ सुं एकात सखाबाळा अस्यान का छ ज्यो घरा मं उळर कमजोर इच्छा सक्ती की अर पापहाळा कामा की हरेक इच्छा प चालबाळी बेरबान्या न्अ काबु मं कर लेव्अ छ।
ह म्हारा प्यारा भायलाओ, हरेक आत्मा को बस्वास मत करो पण सदाई वान्अ परखर देखो क वे परमेसर का छ क कोन्अ। या म थान्अ जिसुं खेर्यो छु क्युं क घणा परमेसर की ओड़ी सुं झूंटमाट बोलबाळा संसार मं भरया छ।
‘म थारा काम, थारा जोरका बाथेड़ा अर सबर न्अ जाणूं छु अर म या बी जाणू छु क तु बरा मनखा न्अ सहन कोन कर पाव्अ अर तु बान्अ परख्यो छ ज्यो अपणा-आपन्अ थरपेड़ा बताव्अ छ, पण वे कोन्अ। अर तु या जाण लियो क वे झूंटा छ।