18 हरेक बात मं परमेसर को धन्यवाद करो। क्युं क थांक्अ ताणी मसी ईसु मं परमेसर की याई मन्सा छ।
हरेक बात क ताणी आपणा परबु ईसु मसी का नांऊ मं परम-पिता परमेसर को सदा धन्यवाद करता रेवो।
कोई बी बात की चंता मत करो, पण सबळी परातना अर बिनती धन्यवाद की लार परमेसर सुं करता जाओ।
हर बगत पिता परमेसर न्अ धन्यवाद देता होया बचन अर करम सुं ज्योबी करो वो सब परबु ईसु का नांऊ सुं करो।
अर परमेसर की याई मन्सा छ क थे पवितर हो जावो, अर वेभिचार सुं आंतरअ रेवो,
ई बजेसुं आपा ईसु मसी क जरिये परमेसर की बढ़ाई एक बलिदान की जस्यान करां। ज्यो बढ़ाई होठां सुं बीको नांऊ लेता होया लगातार करां छा।
क्युं क परमेसर की मनसा या छ क थे भला कामा सुं मुरखा की फालतु बाता न्अ बंद करद्यो।
जिसुं अब आग्अ सुं वो खुदकी जन्दगी काया की जन्दगी की लालसा की जस्यान कोन, पण परमेसर की मनसा की जस्यान गुजारो।
या दनीयादारी अर ईकी मोज मस्ती की चीजा को नास होव्अलो, पण ज्योबी मनख परमेसर की मन्सा प चाल्अ छ उंको कद्या बी नास कोन होव्अ।