“ई बजेसुं जस्यान को बुवार थे खुद बेई छावो छो वस्यान को बुवार थे दूसरा की लार करो। परमेसर की ओड़ी सुं बोलबाळा की सक्ष्या अर मूसा की बेवस्था मं मण्ढर्यो छ उंको योई मतबल छ।
ह भाईवो, थां बेई म्हान्अ हमेसा परमेसर को धन्यवाद करणी चायजे, अस्यान करबो सई बी छ। क्युं क थांको बस्वास अणोता रूप सुं बढर्यो छ अर थांक्अ बीच को परेम बी बढर्यो छ।
क्युं क हरेक चोखो बरदान अर सबसुं चोखो दान सरग सुंई आव्अ छ अर उजाळा का बाप की ओड़ी सुं मल्अ छ, बीम्अ न्अ तो कोई बदलाव हो सक्अ अर न्अ वो फेर-बदल की बजेसुं छाया न्अ बणाव्अ।