18 हां! म्हे थां कन्अ आबाकी खुब जोरी करर्या छा। म पौलुस खुद बी घणी बार जोरी कर्यो पण सेतान उम्अ रोड़ा अटका दिया।
फेर ईसु उन्अ खियो, “अरअ सेतान, आंतरअ हटजा। सास्तर मं या मण्ढरी छ, ‘थारा परबु परमेसर की सेवा कर अर उन्अई ढोक।’”
ह भाईवो, म चाऊ छु क थान्अ तोल हेव्अ क म थां कन्अ आबाकी बार-बार जोरी कर्यो छु क जस्यान को फळ म दूसरा बना यहूद्या मं पायो छु वस्यान को थासुं बी पा सकु। पण हालताणी रुकावटा आती रेई छ।
केई बार म थां कन्अ आबासुं रोक्यो गियो छु।
अर म पौलुस खुदका हाथा सुं थान्अ नमस्कार माण्ढु छु।
क्युं क जद्या मन्अ थिस्सलुनीके नगर मं जुरत छी थे केई बार म्हारी सायता कर्या छा।
म पौलुस खुद म्हारी कलम सुं थान्अ यो नमस्कार माण्ढ़र्यो छु। याद रखाणज्यो म काळ कोटड़ी मं छु। परमेसर की दीया थांकी लारा रेव्अ। अस्यान'ई होव्अ!
म खुदकी लखावट मं यो नमस्कार माण्ढ़र्यो छु। म अस्यान हरेक कागद प दसकत करू छु। म्हारी लखावट याई छ।
पण परेम सुं म थासुं अरदास करबो चोखो समझु छु। म पौलुस ज्यो अब बुढ़ो होर्यो छु, अर मसी ईसु का चोखा समचार को परचार करबा की बजेसुं बन्दी बी बण मेल्यो छु।
बा दुखा सुं मत डरप्अ ज्यो तन्अ भोगणा छ। सूणो, थाम्अ सुं थोड़ा न्अ सेतान जैळ मं पटकर परिक्षा मं पटकबो छाव्अ छ अर थान्अ बड़्अ दस दन ताणी दुख भोगणा पड़्अला। मोत को सामनो हो जाव्अ तोबी बस्वासी हेर रीज्यो। तो म थन्अ जन्दगी को मुकुट देऊलो।