या चिट्ठी परमेसर की इच्छा सुं म, मसी ईसु को थरपेड़ो चेलो पौलुस अर आपणो भाई तीमुथियुस परमेसर की कुरिन्थ नगर का बस्वास्या की टोळी का मनखा न्अ अर अखाया का सबळा परमेसर का मनखा न्अ माण्ढा छा।
क्युं क मन्अ तोल छ क थे ई काम न्अ करबा बेई सदाई त्यार रेवो छो। जद्याई तो म मकिदुनिया का मनखा क साम्अ थांका बारा म्अ घमण्ड सुं खियो क अखाया का मनख तो पाछला बरस सुंई त्यार छ अर थांका उछ्याव न्अ देखर घणा अस्यान करबा बेई आग्अ आया छ।
क्युं क थाम्अ सुं परबु का संदेस की ज्यो आवाज उठी छ, वा मकिदुनिया अर अखाया नगर मेई कोन सुणी गई पण परमेसर मं थांको बस्वास हर कढी जाण्यो जाबा लागग्यो। तो अब मान्अ कांई बी खेबा की जुरत कोन्अ।