4 परमेसर का प्यारा म्हाका भायाओ, म्हे जाण्अ छा क थें चुणेड़ा छो।
जस्यान होसे की पोथी मं मण्ढर्यो छ, “ज्यो मनख म्हारा कोन छा वान्अ म म्हारा मनख खेऊलो अर वा जाति ज्यो म्हारी प्यारी कोन छी म उन्अ प्यारी खेऊलो।”
वो आपान्अ संसार न्अ बणाबा सुं पेली मसी सुं गठजोड़ कर थरप्यो छ। जिसुं आपा बीक्अ साम्अ परेम मं पवितर अर नरदोष होवां।
क्युं क थे परमेसर का चुणेड़ा पवितर अर प्यारा मनख छो, जिसुं थे तरस, दीया, नरमाई, सज्जनता अर थरचा राखबा न्अ धारण करल्यो।
अर आपणा परमेसर अर बाप क साम्अ थांका वा बस्वास का कामा न्अ अर परेम बेई थांकी कडी मेनत न्अ अर आपणा परबु ईसु मसी का आबाकी आस मं थरचा न्अ लगतमार याद रखाणा छा।
परबु का प्यारा म्हाका भाई-बेणो, थांक्अ बेई म्हान्अ सदाई परमेसर को धन्यवाद करणी चायजे क्युं क परमेसर सरूवात सुंई थान्अ पवितर-आत्मा सुं पवितर करर सांच मं थांका बस्वास की बजेसुं उद्धार पाबा बेई थान्अ थरप्यो छ। ज्यां मनखा को उद्धार होव्अलो थे उं फसल मं एक भाग छो।
अर परमेसर बाप पेलीसुंई ज्यो बच्यार कर मेल्यो छो उंई ज्ञान सुं थान्अ टाळ्यो छो। अर उंकी पवितर-आत्मा क जरिये पवितर करबा सुं थे ईसु मसी को खियो मानो छो अर उंका लोई सुं सुद्ध करबा बेई टाळेड़ा छो। थान्अ परमेसर की खूब दीया अर सान्ति मलती रेव्अ।
ई बजेसुं ह भायाओ, खुदका बलाबा न्अ, अर टाळबा न्अ पाको करबा की पूरी जोरी करता जावो, क्युं क अस्यान करअला तो कद्या बी ठोकर कोन खावला।