7 खुदकी सबळी चन्ता बीक्अ माळ्अ पटकद्यो, क्युं क बीन्अ थांको ध्यान छ।
थाम्अ सुं कोई अस्यो बी छ क, ज्यो चन्ता करर खुदकी जन्दगी मं एक दन बी सावटो करदे?
अर थे खुदका लत्ता को बच्यार क्युं करो छो? बच्यार करो राड़ी मं फूल कस्यान खिल्अ छ। वे न्अ तो कोई काम करअ अर न्अ खुद बेई लत्ता बणाव्अ।
“ई बजेसुं या चन्ता मत करो क मे कांई खावला, कांई पिव्अला अर कांई पेरअला?
पण ईसु नावड़ा मं पाछली बाजु सुतो छो। वे उन्अ जगार खिया, “गरूजी, थान्अ कांई बी परवा कोन कांई आपा डुबरया छा?”
फेर वो खुदका चेला न्अ खियो, “जिसुं म थान्अ खेऊ छु, खुदका जीव की चंता मत करो क कांई खावला अर खुदकी काया की चंता बी मत करो क थे कांई फेरअला?”
क्युं क थे ई छोटासाक काम न्अ बी कोन्अ कर सक्अ तो ओर की चंता क्युं करो छो?
मजुरी पर रांखेड़ा गुवाळ ई बजेसुं भाग जाव्अ छ, क्युं क वो दिहाड़ी पर रांखेड़ा मजुर छ। ई बजेसुं वो लळ्डया की परवा कोन्अ करअ।”
कोई बी बात की चंता मत करो, पण सबळी परातना अर बिनती धन्यवाद की लार परमेसर सुं करता जाओ।