19 जिसुं ज्यो परमेसर की मनसा सुं दुख उठाव्अ छ, ब भलाई करता होया, अपणा-अपणा जीव न्अ बस्वासहाळा, सरजनहार का हाथा मं सुंप देव्अ।
ईसु जोरसुं हाको पाड़यो, “ह परम बाप, म म्हारी आत्मा थारा हाथा मं सुंपु छु।” या खेर वो जीव छोड़ दियो।
वे स्तिफनुस प भाटा फाकताई रिया जद्या वो परातना कर्यो क, “ह परबु ईसु म्हारी आत्मा न्अ लेल्यो।”
ज्यो मनख थरचा सुं लगतमार चोखा काम करता होया महमा, आदर अर सदामेस की जन्दगी की खोज मं छ, वान्अ बदला मं परमेसर कद्या नास कोन होबाळी जन्दगी देव्अलो।
अर याई बजे छ जिसुं म या बाता को दुख उठार्यो छु। अर फेरबी सरमाऊ कोन्अ क्युं क जिप्अ म बस्वास कर्यो छु म उन्अ जाणु छु अर म या मानु छु क वो मन्अ ज्यो सुंप्यो छ वो उंकी रुखाळी करबा मं समर्थ छ जद्या ताणी वो पाछो आबा को दन आव्अ।
क्युं क परमेसर की मनसा या छ क थे भला कामा सुं मुरखा की फालतु बाता न्अ बंद करद्यो।
अर ज्यो परमेसर की मनसा याई होव्अ क थे भलाई करबा क कारण दुख उठावो, तो यो चोखो छ क थे बराई करबा की बेई दुख उठाल्यो।
ये बा मनखा की आत्मा छ ज्योबी पेल्यां की बगत मं परमेसर को खियो कोन मान्या छा, जद नूहा जाज बणार्यो छो अर परमेसर थावस रांखर बाठनाळर्यो छो। अर जिम्अ बेठर थोड़ाई मनख मतबल आठ मनख पाणी सुं बचग्या छा।