बी ठार क सांकड्अ बी टापू का प्रधान अधिकारी पबलियुस का खेत छा। वो म्हान्अ खुदक्अ घरा लेजार म्हाकी आवभगत कर्यो अर तीन दन ताणी खुल्ला मन सुं म्हाकी पाऊणा की न्याऊ सेवा करतो रियो।
पण ज्यो ज्ञान सरग सुं आव्अ छ, वो पेली तो पवितर होव्अ छ, फेर मेलमिलाप हाळो, प्यारो, बात मानबाळो अर दीया सुं भरया अर चोखा फळा सुं लदेड़ो अर बना भेदभाव हाळो अर खरो होव्अ छ।
देखो, आपा थावस रांखबाळा न्अ भागहाळो खेवां छा। थे अय्यूब का थावस का बारा मं तो सुण्याई छो, अर परबु की ओड़ी सुं ज्यो बीको फळ होयो बीन्अ बी जाणज्ञा। क्युं क परबु बड़ी दीया अर तरस करबाळो छ।
अस्यान ही ह छोरा-छापराओ, थे बी टोळी का मुखिया का खिया मं रेवो, पण थे सब एक-दूसरा की सेवा क ताणी नरमाई सुं त्यार रेवो, क्युं क परमेसर घमण्डया को बिरोध करअ छ, पण सिधा मनखा माळ्अ दीया करअ छ।