3 थांको सणगार दखावटी कोन होणी चायजे मतबल बाळा न्अ गूंथबो, सोना का गेणा अर तरा-तरा का लत्ता पेरबो।
अब आग्अ सुंई दनीया की रीति प्अ मत चालो पण खुदका मना न्अ नया कर खुदन्अ बदलल्यो जिसुं थे परमेसर की मन्सा न्अ परखर जाण सको। मतबल ज्यो चोखो छ, ज्यो उन्अ भाव्अ छ अर पूरो छ।