21 यो पाणी उं बतिस्मा की न्याई छ, ज्यो ईसु मसी का जी उठबा सुं, अब थान्अ बचाव्अ छ। इम्अ काया को मेल आंतरअ करबो कोन, पण चोखी समझ सुं परमेसर का बसम्अ हबो छ।
जिसुं, सात्यु-जात का मनखा न्अ म्हारा चेला बणावो। थे ई बतिस्मा का काम न्अ पिता का नांऊ मं, छोरा का नांऊ मं अर पवितर-आत्मा का नांऊ मं बतिस्मो देर पूरो करो।
तो आवो आपा सांचा मन सुं अर पूरा बस्वास की लार, मन का बरा बिचारा न्अ आंतरअ करबा बेई छांटो देर पवितर करार, काया न्अ पवितर पाणी सुं धुपार परमेसर क सांकड्अ जावां।
क्युं क मसी मनखा का हाथ की बणाएड़ी बी पवितर ठार मं कोन्अ बड़यो, ज्यो सांची पवितर ठार की नकल छ। पण सरग मं ई बड़यो छ। जिसुं अब वो आपण्अ ताणी परमेसर क साम्अ पेरवी करअ छ।