11 वो बुराई को साथ छोड़्अ, अर भलाई ही करअ, वो मेलमिलाप न्अ हेरअ, अर बीकी कोसिस करअ।
जिसुं थे सरग मं रेबाळा आपणा बाप की सुपातर ओलाद बण सको। क्युं क वो भला अर बरा सबळा क उपरअ सुरज को तावड़ो करअ छ। पापी अर धरमी सबळा क उपरअ बरखा बरसाव्अ छ।
धनै छ वे ज्यो मेळजोळ कराव्अ छ, क्युं क वे परमेसर का छोरा खुवावला।
म्हान्अ पाप की परक्ष्या मं मत पड़बाद्अ, पण बराई सुं बचा। क्युं क राज, सामर्थ अर महमा सदा थारी छ। आमीन!”
क्युं क कंगला तो सदा ई थां कन्अ रेवला थें जद्या छाव्अ वाकी सायता कर सको छो, पण मं थांकी लार सदा कोन रेऊलो।
वांक्अ उपरअ चलकबा बेई ज्यो मोत की काळी छाया म जीर्या छ क आपणा पगा न्अ सान्ति का गेल्ला की दसा मल्अ।”
पण थे खुदका बेरया सुं बी परेम करो, वाकी लार भलाई करो। कांई बी पाछो मलबा की आस छोड़र उदार द्यो। अस्यान थांको फळ महान होवलो अर थे परम परमेसर की ओलाद बण जावला। क्युं क परमेसर ज्यो धन्यवाद कोन करअ वाप्अ अर बरा मनखा को बी भलो करअ छ।
जद्या ईसु लोगबागा न्अ खियो, “म थान्अ बुजु छु क आरामहाळा दन कोईको भलो करबो चोखो छ या फेर कोई न्अ दुख देबो सई छ, कोई की ज्यान बचाबो चोखो छ या फेर कोई न्अ मारबो चोखो छ?”
म या परातना कोन करू क तु बान्अ संसार सुं उठाले पण या क तु बान्अ बराई सुं बचार रांख।
जण्ढ्अ ताणी हो सक्अ सबळा की लार सांति सुं रेवो।
क्युं क परमेसर को राज खाली खाबो-पीबो कोन्अ पण वो तो धार्मिकता छ, सांति छ अर पवितर-आत्मा सुं मलबाळो आण्द छ।
ई बजेसुं, वा बाता मं लाग्या रेवो ज्यो सान्ति न्अ बढ़ाव्अ छ अर ज्यांसुं एक-दूसरा की आत्मिक बढ़ोतरी मं सायता मल्अ छ।
अब आपा आपणा बस्वास की बजेसुं धरमी होग्या, जिसुं परबु ईसु मसी क जरिये आपणो परमेसर सुं मेलमिलाप छ।
क्युं क ज्यो चोखा काम म करबो चाऊ छु वो म कोन करू। पण ज्यो म कोन करबो चाऊ वेई बरा काम म करतो रेऊ छु।
जिसुं म यो निम पाऊ छु क म जद्या चोखो करबो चाऊ छु तो खुद म बराई पाऊ छु।
काया मन लगाबाळा मनखा को अन्त मोत छ, पण आत्मा प्अ मन लगाबाळा को फळ जन्दगी अर सान्ति छ।
पण पवितर-आत्मा का फळ परेम, आण्द, सांति, थरचा, दीयालुता, भलाई, बस्वास क लायक,
तो जस्यानई कोई मोको मल्अ, आपान्अ सबळा की लार भलाई करणी चायजे, खास तो आपणा बस्वासी भाया की लार।
परमेसर थान्अ एक काया मं मसी सुं मलबाळी सांति बेई बलायो छ। ई सांति न्अ थांका मन मं राज करबाद्यो। सदाई धन्यवाद करता रेवो।
वान्अ आज्ञा द्अ क वे चोखा-चोखा काम करअ। चोखा कामा सुंई भागवान बण्अ। उदार रेव्अ अर दूसरा की लारा खुदकी चीजा बांट्अ।
सबळा की लार सान्ति सुं रेबा की अर पवितरता मं रेबा की जोरी करता रेवो जीक्अ बना कोई बी परबु न्अ कोन्अ देख्अलो।
भलाई करबो अर आमा-सामा सायता करबो मत भूलो। क्युं क परमेसर अस्यान का बलिदाना सुं राजी होव्अ छ।
अस्यान ज्यो कोई भलाई करबो जाण्अ छ, अर करअ कोन तो वो पाप करअ छ।
क्युं क परबु की आंख्या धरम्या माळ्अ लागी रेव्अ छ, अर बीका कान बांकी परातना की ओर लाग्या रेव्अ छ, पण परबु बराई करबाळा सुं मूंडो फेरर रेव्अ छ।”
ओ प्यारा भाई, बराई क नही पण भलाई क पाछ्अ चाल! ज्यो भलाई करअ छ, वो परमेसर को छ! अर ज्यो बराई करअ छ वो परमेसर न्अ कोन्अ जाण्यो।