पण ज्यो मोत का गेल्ला प नास होबा बेई जार्या छ वां बेई मोत की सुगन्ध छ अर ज्यो छूटवाड़ा का गेल्ला प जार्या छ वा बेई जन्दगी की सुगंध छा पण ई काम बेई काबिल कुण छ?
अर भायाओ, आज बी एकात मनख म्हारअ उपरअ लांछण लगारया छ क म खतना को परचार करू छु तो मन्अ हालताणी बी क्युं सतारया छ? अर ज्यो म हालताणी बी खतना को परचार करू छु तो मसी का करूस की बजेसुं पदा होई म्हारी सबळी रुकावटा खतम हे जाणी चायजे।
वे लोभ की बाता घड़र थान्अ खुदका फायदा को साधन बणावला, अर जी सजा की आज्ञा बां माळ्अ पेली सुं होगी, बीन्अ आबा मं थोड़ी बी बगत कोन्अ, अर वांको बिनास उंघर्यो कोन।
क्युं क थांकी टोळी मं एकात अस्यान का मनख आ घुस्या। ज्यां लोगबागा की सज्या बेई सास्तरा मं घणो पेलीसुंई परमेसर की ओड़ी सुं बोलबाळा खे दिया छा। ये लोगबाग बना परमेसर का छ ये लोगबाग परमेसर की दीया न्अ कुकर्म करबा बेई छूट मानलिया अर ये आपणा परबु अर मालिक ईसु मसी न्अ कोन्अ मान्अ।