25 क्युं क थे पेली गुमेड़ी लळ्ड़यां की जस्यान छा, पण अब खुदका जीव का रुखाळा अर गुवाळ कन्अ पाछा आग्या।
थारो कांई बच्यार छ क कोई मनख कन्अ सौ लळ्डया छ अर वाम्अ सुं एक लळ्ड़ी गुमगी? तो वो दूसरी नन्याणम लळ्डया न्अ डुंगरी पेई छोड़र उं एक गुमेड़ी लळ्ड़ी न्अ हेरबा कोन्अ जावलो कांई?
ईसु ज्दया जळा न्अ देख्अ छो तो दीया सुं भरयाव्अ छो क्युं क वे मनख बेसहारा अर दुखी बना गुवाळा की लळ्डया की नाई छा।
खुदकी अर पवितर-आत्मा सुं थांका हाथा म सुंपी लळ्डया की रुखाळी करता रेवो। अर परमेसर की बी बस्वास्या की टोळी का गुवाळ बण जावो जिन्अ वो खुदका छोरा का लोई सुं मोल लियो छ।
ज्यो लळ्डया का उं महान गुवाळ आपणा परबु ईसु न्अ जुगजुग का करार करबाळा लोई सुं मरया मंसुं जीवतो कर दियो, वो सान्ति देबाळो परमेसर
ह पवितर भायाओ थे ज्यो सरग का बलावा का सीरी छो, उं थरपेड़ा अर महायाजक ईसु माळ्अ ध्यान धरो, जीन्अ आपा चोड़्अ-धाड़्अ मान्या छा।
अर वो अज्ञानी अर भुल्या-भटक्या की लार नरमाई सुं बेवार कर सक्अ छ, क्युं क बीन्अ बी कमजोरी घेर मेली छ।
ये बा मनखा की आत्मा छ ज्योबी पेल्यां की बगत मं परमेसर को खियो कोन मान्या छा, जद नूहा जाज बणार्यो छो अर परमेसर थावस रांखर बाठनाळर्यो छो। अर जिम्अ बेठर थोड़ाई मनख मतबल आठ मनख पाणी सुं बचग्या छा।
अर जद सबसुं बड़ो गुवाळ परकट होव्अलो, तो थान्अ मेमा को मुकुट दियो जाव्अलो जिकी सोभा कद्या बी कम कोन पड़्अली।