वो एक दन धाम मेल्यो छ जद्या वो खुदका थरपेड़ा एक मनख की लेरअ जगत का सबळा मनखा को न्याई सुं न्याऊ करअ लो। जिन्अ परमेसर मरेड़ा मंसुं जीवतो करर हरेक न्अ ई बात को परमाण दियो छ।”
अर याई बजे छ जिसुं म या बाता को दुख उठार्यो छु। अर फेरबी सरमाऊ कोन्अ क्युं क जिप्अ म बस्वास कर्यो छु म उन्अ जाणु छु अर म या मानु छु क वो मन्अ ज्यो सुंप्यो छ वो उंकी रुखाळी करबा मं समर्थ छ जद्या ताणी वो पाछो आबा को दन आव्अ।
अब जीत को मुकुट म्हारी बाठनाळर्यो छ। उं दन सांचो न्याऊ करबाळो परबु मन्अ जीत को मुकुट फरावलो। मन्अ ई नही पण वां सबळा न्अ बी ज्यो परेम सुं उंका आबाकी बाठनाळरया छ।