अर आज म ज्योबी छु परमेसर की दीया सुं छु अर उंकी दीया म्हारअ बेई बेकार कोन गई, म दूसरा थरपेड़ा चेला सुं बढ़र मेहनत कर्यो छु। पण या म्हारी काबलियत कोन या तो परबु की दीया छ।
अर याई बजे छ जिसुं म या बाता को दुख उठार्यो छु। अर फेरबी सरमाऊ कोन्अ क्युं क जिप्अ म बस्वास कर्यो छु म उन्अ जाणु छु अर म या मानु छु क वो मन्अ ज्यो सुंप्यो छ वो उंकी रुखाळी करबा मं समर्थ छ जद्या ताणी वो पाछो आबा को दन आव्अ।
अर ज्यो थे खोटा काम कर लात-घूंसा खार थावस रांक्या, तो इम्अ बड़ाई की कांई बात छ? पण थे भला काम करर दुख उठावो छो अर थावस रांखो छो, तो यो परमेसर न्अ भाव्अ छ।