13 परबु क ताणी, मनखा का खन्दायेड़ा सबळा बेवस्था करबाळा अधिकारयां को खियो मानो। राजा को खियो जिसुं मानो क्युं क वो सबको प्रधान छ।
वे उन्अ खिया “माराज कैसर को।” तो वो वान्अ खियो, “चोखो तो ज्यो माराज कैसर को छ वो माराज कैसर न्अ द्यो अर ज्यो परमेसर को छ वो परमेसर न्अ द्यो।”
फेर ईसु वान्अ बतायो, “ज्यो रोम देस का राजा को छ, वो रोम देस का राजा न्अ द्यो अर ज्यो परमेसर को छ वो परमेसर न्अ द्यो।” जद्या वे घणो अचम्बो कर्या।
जद्या फेर वो बान्अ खियो, “तो फेर ज्यो कैसर को छ वो कैसर न्अ द्यो अर ज्यो परमेसर को छ वो परमेसर न्अ द्यो।”
थे मसी को आदर-भाव करो छो ई बजेसुं एक-दूसरा को खियो मानो।
लोगा न्अ याद दुवातो रे क वे राजा अर अधिकारयां क तळ्अ रेव्अ। वांकी आज्ञा न्अ मान्अ। हर तरा का चोखा कामा न्अ करबा बेई तियार रेव्अ।
सबको आदरमान करो, बस्वास्या सुं परेम करो, परमेसर को ड़र मान करो, राजा को आदरमान करो।
परमेसर खासतोर सुं बा मनखा न्अ सज्या देव्अलो, ज्यो काया की गंदी लालसा की जस्यान चाल्अ छ, अर परबु की तागत को अपमान करबा सुं बी कोन ड़रप्अ। वे बेसरम, अर टेकला छ, अर अधिकारयां न्अ बुरो-भलो खेबासुं कोन डरप्अ।