पण म बुजु छु क, “इजरायली कोन समझ्अ छा कांई?” मूसा पेली खियो छो, “म थां लोगा का मन मं अस्यान का मनखा सुं जळन पदा करूलो ज्यो कोई ज्यात कोन्अ। म एक नासमझ ज्यात सुं थान्अ रोष दुवाऊलो।”
पण पेली म परमेसर को अपमान करबाळो, परमेसर का लोगा न्अ सताबाळो अर एक बना दीया को मनख छो, पण म्हारअ उपरअ दीया होई क्युं क एक बेबस्वासी का रुप मं या कोन जाणता होया क मं कांई करर्यो छु, मं सब कुछ कर्यो