आपा कन्अ परमेसर की ओड़ी सुं बोलबाळा को ज्यो बचन छ, वो इसुं सांचो ठेरग्यो। थे यो चोखो करो छो ज्यो या समझर बी माळ्अ ध्यान देवो छो क वो एक दियो छ, ज्यो अन्धेरी ठार मं बी बगत ताणी उजाळो देव्अ छ जद्या ताणी दन कोन उग्अ अर सुंवारअ को तारो थांका हीया मं कोन चमक्अ।
फेर म आम्बर का ऊंचा मं एक ओर सरगदूत न्अ उड़तो देख्यो। बी कन्अ धरती का रेबाळा, सबळा देस, जात्या, भाषा अर कुणबा का लोगबागा बेई सदामेस का चोखा समचार को एक संदेस छो।