23 क्युं क थे नास होबाळा सुं कोन्अ पण नास कोन होबाळा बीज सुं, परमेसर का जीवता अर सदाई रेबाळा बचन सुं नयो जनम पाया छो।
छाव्अ धरती अर आम्बर मट जाव्अ पण म्हारो बचन कद्या बी कोन्अ मट्अलो।”
“ई कस्सा को मतबल अस्यान छ बीज परमेसर को बचन छ।
परमेसर की ओलाद का रूप मं वे न्अ तो कुदरती तरीका सुं पैदा होया छा, न्अ काया की मन्सा सुं अर न्अ माई-बाप की मन्सा सुं। पण वे परमेसर की मन्सा सुं आत्मिक रूप सुं पैदा होया छा।
दनीया की हरेक चीज उसुं'ई पैदा होई छ। उंक्अ बना कसी बी चीज की रचना कोन्अ होई।
ईसु वान्अ खियो, “म थान्अ सांची खेऊ छु, कोई बी मनख जद्या ताणी दुबारा कोन जनम्अ परमेसर का राज न्अ कोन देख सक्अ।”
ईसु उन्अ खीयो, “सच्चाई म थान्अ बताऊ छु। अर ज्यो कोई मनख पाणी अर पवितर-आत्मा सुं कोन जनम्अ तो वो परमेसर का राज मं कोन्अ जा सक्अ।
परमेसर की आत्मा तो जन्दगी देव्अ छ, पण मनख की तागत कांई काम की कोन्अ। ज्यो बचन मं थान्अ खियो छु, वे आत्मिक जन्दगी देव्अ छ।
अर नास कोन होबाळा परमेसर की महमा न्अ नास होबाळा मनख, चड़या-चुड़्कला, ज्यानबर अर सांप-डिंडवा की मुरता मं बणा दिया।
क्युं क परमेसर को बचन जीवतो अर काम करबाळो, अर कोई बी दोधारी तलवार सुं साउटो धारदार छ। अर वो जीव, आत्मा, जोड़ अर गूदा न्अ न्यारा-न्यारा करर, आर-पार छेद्अ छ; अर मन की मन्सा अर बच्यारा न्अ परख्अ छ।
वो बीकी खुदकी मनसा सुंई खुदन्अ सांचा बचन सुं पैदा कर्यो छ, जिसुं क आपा बीकी करेड़ी रचना मं पहला फळ होवां।
पण परबु को बचन जुगजुग बण्यो रेव्अ छ।” अर योई चोखो समचार को बचन छ ज्यो थान्अ सुणायो गियो छो।
आपणा परबु ईसु मसी का बाप अर परमेसर को धन्यवाद हो। मरेड़ा मं सुं ईसु मसी का जी उठबा सुं आपान्अ उंकी दीया सुं जीवती आस क ताणी नयो जनम दियो छ।
ज्यो परमेसर की ओलाद बणग्या वाम्अ परमेसर को सुभाव छ, जिसुं वे पाप कोन करता रेव्अ। क्युं क परमेसर वांको बाप छ, जिसुं वे पाप करता कोन रे सक्अ।
आपा जाणा छा क ज्योबी परमेसर को छोरो बणग्यो, वो पाप कोन करतो रेव्अ। पण परमेसर को छोरो वांकी रक्ष्या करअ छ। वो दुष्ट वांको कांई बी कोन बगाड़ पाव्अ।