खुदकी अर पवितर-आत्मा सुं थांका हाथा म सुंपी लळ्डया की रुखाळी करता रेवो। अर परमेसर की बी बस्वास्या की टोळी का गुवाळ बण जावो जिन्अ वो खुदका छोरा का लोई सुं मोल लियो छ।
पण अब आपा उजाळा मं चालर्या छा क्युं क उजाळा मंई परमेसर छ जिसुं आपा बस्वास्या का रुप मं एकलार छा, अर परमेसर का छोरा ईसु को लोई आपान्अ सबळा पापा सुं साफ कर देव्अ छ।
म जुवाब दियो, “ह म्हारा परबु, म कोन जाणु, तूई जाण्अ।” ईप्अ वो मन्अ खियो, “ये वे लोगबाग छ ज्यो जोरका सताव मंसुं होर आया छ, वे खुदका लत्ता न्अ उण्णेठा का लोई सुं धोर पवितर कर्या छ।