अब जीत को मुकुट म्हारी बाठनाळर्यो छ। उं दन सांचो न्याऊ करबाळो परबु मन्अ जीत को मुकुट फरावलो। मन्अ ई नही पण वां सबळा न्अ बी ज्यो परेम सुं उंका आबाकी बाठनाळरया छ।
म थान्अ यो छोटोसोक कागद माण्ढर, सिलवानुस का हाथ सुं जीन्अ म बस्वासहाळो भाई समझु छु, छोटा रूप मं माण्ढर थान्अ समझायो छु, अर या गुवाई दियो छु क परमेसर की सांची दीया याई छ, इम्अ बण्यारेवो।