जिसुं, सात्यु-जात का मनखा न्अ म्हारा चेला बणावो। थे ई बतिस्मा का काम न्अ पिता का नांऊ मं, छोरा का नांऊ मं अर पवितर-आत्मा का नांऊ मं बतिस्मो देर पूरो करो।
“पण जद वो सायता करबाळो ज्यो सांच की आत्मा छ अर परमेसर की ओड़ी सुं आव्अ छ थां कन्अ आवलो, जीन्अ म परमेसर बाप की ओड़ी सुं थां कन्अ खन्दाऊलो, तो वो म्हारी गुवाई देव्अलो।
वो ईसु मसी ही छ ज्यो आपण्अ कन्अ उंका बतिस्मा का पाणी अर उंकी मोत का लोई की लारा आयो छ। वो खाली पाणी की लाराई कोन आयो पण पाणी अर लोई दोन्या की लारा आयो छ। अर उं सांच बेई वो परमेसर को आत्मा खुद गुवाई देव्अ छ क्युं क आत्मा ही सांचो छ।