तो आवो आपा सांचा मन सुं अर पूरा बस्वास की लार, मन का बरा बिचारा न्अ आंतरअ करबा बेई छांटो देर पवितर करार, काया न्अ पवितर पाणी सुं धुपार परमेसर क सांकड्अ जावां।
ह म्हारा प्यारा छोराओ, म थान्अ कोई नयो आदेस कोन माण्ढ़र्यो छु, पण ज्यो म थान्अ बताऊ छु वो सरूवात सुंई थान्अ सुणायो गियो छ। यो वो चोखो समचार छ जिन्अ थे सुणमेल्या छो।
हे म्हारा प्यारा भायलाओ, अब आपा परमेसर की ओलाद छा पण आबाळी बगत मं आपा कांई होव्अला, हालताणी ईका बारा मं आपान्अ कोन बताया। पण छाव्अ ज्योबी होव्अ आपा या जाणा छा क जद्या मसी फेरू परगट होव्अलो तो आपा उंक्अ जस्यानका हो जाव्अला, क्युं क वो जस्यान को छ वस्यान ई आपा उन्अ देख्अला।