16 क्युं क ई दनीया मं बुरी मन्सा, जन्दगी को घमण्ड, काया की बुरी मन्सा छ ये एकबी पिता परमेसर की ओड़ी सुं कोन्अ पण ई दनीया की ओड़ी सुं आव्अ छ।
फेर सेतान ईसु न्अ एक घणा ऊंचा डुंगर क उपरअ लेग्यो। अर जगत का सबळा राज-पाट अर वांको जस दखायो।
पण म थान्अ खेऊ छु क कोई मनख कोई बेरबानी ओड़ी बरी मनसा सुं नाळ्अ तो वो मन सुं उसुं व्यभिचार करलियो।
फेर सेतान उन्अ घणी ऊंची ठार प लेग्यो, अर झटदाणी सबळा जगत को राज उन्अ दखार
पण परबु ईसु मसी का सुभाऊ न्अ पेरल्यो। अर ई काया की मन्सा न्अ पूरी करबा मं मत लाग्या रेवो।
अर ये बाता आपण्अ बेई उदारण छो क आपा बरी बाता की इच्छा कोन करां, जस्यान वे लोग कर्या छा,
क्युं क मनख को पापी सुभाव अर पवितर-आत्मा की मनसा एक-दूसरा सुं उल्टी होव्अ छ। यांक्अ आम्अ-साम्अ बेर होव्अ छ। जिसुं थे ज्यो करबो छावो छो वो कोन कर सको।
अर वे मनख ज्यो मसी ईसु का छ, खुदका पापी सुभाव न्अ, वासना अर बरी मनसा समेत करूस प चढ़ा दिया।
एक बगत आपा सबळा बी बांकी जस्यान काया की सुगली मंसा न्अ पूरी करअ छा। मन अर काया की मनसा न्अ पूरी करअ छा, अर संसार का दूसरा मनखा जस्यान परमेसर का रोषा का काम का छा।
या दीया आपान्अ सखाव्अ छ क आपा ई दनीया मं अभक्ति अर संसार की बरी मन्सा न्अ छोडर अपणा-आपन्अ बसम्अ रांखबाळो होर धरमी बणर पवितर जन्दगी जीव्अ।
या म जिसुं बतार्यो छु क्युं क मसी न्अ मानबा सुं पेली आपा बी मुरख छा। खियो कोन्अ मान्अ छा। भरम मं छा। माया-मोह का दास बण्या छा। आपा बराई अर पाप मं जन्दगी जीव्अ छा। अर आपसुं लोगबाग नफरत करअ छा अर आपा बी वां सुं नफरत करअ छा।
यो ज्ञान सरग सुं कोन आव्अ पण यो संसार को छ अर मनख का सुभाव अर सेतान को छ।
पण दसा तो या छ क थे ऊंची ऊंची बाता करबा प घमण्ड करो छो, अस्यानको घमण्ड बरो छ।
खियो करबाळा छोरा की जस्यान जीवो। जस्यान थांकी जन्दगी मं पेली बरी मन्सा को जोर चाल्अ छो वस्यान अब मत चालबा द्यो।
हे म्हारा प्यारा भायलाओ, मं थासुं अरदास करू छु, क थे खुदन्अ परदेसी अर मुसाफिर जाणर संसार की बां लालसा सुं ज्यो आत्मा सुं लड़ाई करअ छ, बचर रेवो।
परमेसर खासतोर सुं बा मनखा न्अ सज्या देव्अलो, ज्यो काया की गंदी लालसा की जस्यान चाल्अ छ, अर परबु की तागत को अपमान करबा सुं बी कोन ड़रप्अ। वे बेसरम, अर टेकला छ, अर अधिकारयां न्अ बुरो-भलो खेबासुं कोन डरप्अ।
ये बनाकाम की घमण्ड की बाता कर-करर गंदा कामा सुं बां मनखा न्अ काया की बुरी लाळसा मं फसा लेव्अ छ, ज्यो डुलेड़ा मं सुं अबार नखळर्या छ।