ऐ याक़ूब के घराने, सुनो! तुम जो इसराईल कहलाते और यहूदाह के क़बीले के हो, ध्यान दो! तुम जो रब के नाम की क़सम खाकर इसराईल के ख़ुदा को याद करते हो, अगरचे तुम्हारी बात न सच्चाई, न इनसाफ़ पर मबनी है, ग़ौर करो!
लेकिन ऐ मिसर में रहनेवाले तमाम हमवतनो, रब के कलाम पर ध्यान दो! रब फ़रमाता है कि मेरे अज़ीम नाम की क़सम, आइंदा मिसर में तुममें से कोई मेरा नाम लेकर क़सम नहीं खाएगा, कोई नहीं कहेगा, ‘रब क़ादिरे-मुतलक़ की हयात की क़सम!’
तुम चोर, क़ातिल और ज़िनाकार हो। नीज़ तुम झूटी क़सम खाते, बाल देवता के हुज़ूर बख़ूर जलाते और अजनबी माबूदों के पीछे लग जाते हो, ऐसे देवताओं के पीछे जिनसे तुम पहले वाक़िफ़ नहीं थे।
वह बड़ी बातें करते, झूटी क़समें खाते और ख़ाली अहद बाँधते हैं। उनका इनसाफ़ उन ज़हरीले ख़ुदरौ पौदों की मानिंद है जो बीज के लिए तैयारशुदा ज़मीन से फूट निकलते हैं।
ऐ इसराईल, तू इसमतफ़रोश है, लेकिन यहूदाह ख़बरदार रहे कि वह इस जुर्म में मुलव्वस न हो जाए। इसराईल के शहरों जिलजाल और बैत-आवन की क़ुरबानगाहों के पास मत जाना। ऐसी जगहों पर रब का नाम लेकर उस की हयात की क़सम खाना मना है।
रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, “मैं तुम्हारी अदालत करने के लिए तुम्हारे पास आऊँगा। जल्द ही मैं उनके ख़िलाफ़ गवाही दूँगा जो मेरा ख़ौफ़ नहीं मानते, जो जादूगर और ज़िनाकार हैं, जो झूटी क़सम खाते, मज़दूरों का हक़ मारते, बेवाओं और यतीमों पर ज़ुल्म करते और अजनबियों का हक़ मारते हैं।