यरमियाह 4:1 - किताब-ए मुक़द्दस1 रब फ़रमाता है, “ऐ इसराईल, अगर तू वापस आना चाहे तो मेरे पास वापस आ! अगर तू अपने घिनौने बुतों को मेरे हुज़ूर से दूर करके आवारा न फिरे Faic an caibideilइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 20191 “ऐ इस्राईल, अगर तू वापस आए, ख़ुदावन्द फ़रमाता है अगर तू मेरी तरफ़ वापस आए; और अपनी मकरूहात को मेरी नज़र से दूर करे तो तू आवारा न होगा; Faic an caibideil |
जब आसा ने ओदीद के बेटे अज़रियाह नबी की पेशगोई सुनी तो उसका हौसला बढ़ गया, और उसने अपने पूरे इलाक़े के घिनौने बुतों को दूर कर दिया। इसमें यहूदाह और बिनयमीन के अलावा इफ़राईम के पहाड़ी इलाक़े के वह शहर शामिल थे जिन पर उसने क़ब्ज़ा कर लिया था। साथ साथ उसने उस क़ुरबानगाह की मरम्मत करवाई जो रब के घर के दरवाज़े के सामने थी।
रब फ़रमाता है, “अगर कोई अपनी बीवी को तलाक़ दे और अलग होने के बाद बीवी की किसी और से शादी हो जाए तो क्या पहले शौहर को उससे दुबारा शादी करने की इजाज़त है? हरगिज़ नहीं, बल्कि ऐसी हरकत से पूरे मुल्क की बेहुरमती हो जाती है। देख, यही तेरी हालत है। तूने मुतअद्दिद आशिक़ों से ज़िना किया है, और अब तू मेरे पास वापस आना चाहती है। यह कैसी बात है?
बार बार मैं अपने नबियों को तुम्हारे पास भेजता रहा ताकि मेरे ख़ादिम तुम्हें आगाह करते रहें कि हर एक अपनी बुरी राह तर्क करके वापस आए! अपना चाल-चलन दुरुस्त करो और अजनबी माबूदों की पैरवी करके उनकी ख़िदमत मत करो! फिर तुम उस मुल्क में रहोगे जो मैंने तुम्हें और तुम्हारे बापदादा को बख़्श दिया था। लेकिन तुमने न तवज्जुह दी, न मेरी सुनी।