यरमियाह 3:4 - किताब-ए मुक़द्दस4 इस वक़्त भी तू चीख़ती-चिल्लाती आवाज़ देती है, ‘ऐ मेरे बाप, जो मेरी जवानी से मेरा दोस्त है, Faic an caibideilइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 20194 क्या तू अब से मुझे पुकार कर न कहेगी, ऐ मेरे बाप, तू मेरी जवानी का रहबर था? Faic an caibideil |
रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, “ऐ इमामो, बेटा अपने बाप का और नौकर अपने मालिक का एहतराम करता है। लेकिन मेरा एहतराम कौन करता है, गो मैं तुम्हारा बाप हूँ? मेरा ख़ौफ़ कौन मानता है, गो मैं तुम्हारा मालिक हूँ? हक़ीक़त यह है कि तुम मेरे नाम को हक़ीर जानते हो। लेकिन तुम एतराज़ करते हो, ‘हम किस तरह तेरे नाम को हक़ीर जानते हैं?’