यरमियाह 26:3 - किताब-ए मुक़द्दस3 शायद वह सुनें और हर एक अपनी बुरी राह से बाज़ आ जाए। इस सूरत में मैं पछताकर उन पर वह सज़ा नाज़िल नहीं करूँगा जिसका मनसूबा मैंने उनके बुरे आमाल देखकर बाँध लिया है। Faic an caibideilइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 20193 शायद वह सुने और हर एक अपने बुरे चाल चलन से बाज़ आए, और मैं भी उस 'ऐज़ाब को जो उनकी बद'आमाली की वजह से उन पर लाना चाहता हूँ, बाज़ रखूँ। Faic an caibideil |
क्या यहूदाह के बादशाह हिज़क़ियाह या यहूदाह के किसी और शख़्स ने मीकाह को सज़ाए-मौत दी? हरगिज़ नहीं, बल्कि हिज़क़ियाह ने रब का ख़ौफ़ मानकर उसका ग़ुस्सा ठंडा करने की कोशिश की। नतीजे में रब ने पछताकर वह सज़ा उन पर नाज़िल न की जिसका एलान वह कर चुका था। सुनें, अगर हम यरमियाह को सज़ाए-मौत दें तो अपने आप पर सख़्त सज़ा लाएँगे।”