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- Sanasan -




यरमियाह 2:8 - किताब-ए मुक़द्दस

8 न इमामों ने पूछा कि रब कहाँ है, न शरीअत को अमल में लानेवाले मुझे जानते थे। क़ौम के गल्लाबान मुझसे बेवफ़ा हुए, और नबी बेफ़ायदा बुतों के पीछे लगकर बाल देवता के पैग़ामात सुनाने लगे।”

Faic an caibideil Dèan lethbhreac

इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019

8 काहिनों ने न कहा, कि 'ख़ुदावन्द कहाँ है?' और अहल — ए — शरी'अत ने मुझे न जाना; और चरवाहों ने मुझसे सरकशी की, और नबियों ने बा'ल के नाम से नबुव्वत की और उन चीज़ों की पैरवी की जिनसे कुछ फ़ायदा नहीं।

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यरमियाह 2:8
35 Iomraidhean Croise  

इलियास ने बात जारी रखी, “रब के नबियों में से सिर्फ़ मैं ही बाक़ी रह गया हूँ। दूसरी तरफ़ बाल देवता के यह 450 नबी खड़े हैं।


दोपहर गुज़र गई, और वह शाम के उस वक़्त तक वज्द में रहे जब ग़ल्ला की नज़र पेश की जाती है। लेकिन कोई आवाज़ न सुनाई दी। न किसी ने जवाब दिया, न उनके तमाशे पर तवज्जुह दी।


फिर इलियास ने उन्हें हुक्म दिया, “बाल के नबियों को पकड़ लें। एक भी बचने न पाए!” लोगों ने उन्हें पकड़ लिया तो इलियास उन्हें नीचे वादीए-क़ैसोन में ले गया और वहाँ सबको मौत के घाट उतार दिया।


लेकिन कोई नहीं कहता, ‘अल्लाह, मेरा ख़ालिक़ कहाँ है? वह कहाँ है जो रात के दौरान नग़मे अता करता,


लेकिन यह लोग भी मै के असर से डगमगा रहे और शराब पी पीकर लड़खड़ा रहे हैं। इमाम और नबी नशे में झूम रहे हैं। मै पीने से उनके दिमाग़ों में ख़लल आ गया है, शराब पी पीकर वह चक्कर खा रहे हैं। रोया देखते वक़्त वह झूमते, फ़ैसले करते वक़्त झूलते हैं।


क्योंकि रब ने तुम्हें गहरी नींद सुला दिया है, उसने तुम्हारी आँखों यानी नबियों को बंद किया और तुम्हारे सरों यानी रोया देखनेवालों पर परदा डाल दिया है।


तो भी सब इस क़ौम से शरमिंदा हो जाएंगे, क्योंकि इसके साथ मुआहदा बेकार होगा। इससे न मदद और न फ़ायदा हासिल होगा बल्कि यह शर्म और ख़जालत का बाइस ही होगी।”


क्योंकि क़ौम के गल्लाबान अहमक़ हो गए हैं, उन्होंने रब को तलाश नहीं किया। इसलिए वह कामयाब नहीं रहे, और उनका पूरा रेवड़ तित्तर-बित्तर हो गया है।


मुतअद्दिद गल्लाबानों ने मेरे अंगूर के बाग़ को ख़राब कर दिया है। मेरे प्यारे खेत को उन्होंने पाँवों तले रौंदकर रेगिस्तान में बदल दिया है।


ऐ रब, तू मेरी क़ुव्वत और मेरा क़िला है, मुसीबत के दिन मैं तुझमें पनाह लेता हूँ। दुनिया की इंतहा से अक़वाम तेरे पास आकर कहेंगी, “हमारे बापदादा को मीरास में झूट ही मिला, ऐसे बेकार बुत जो उनकी मदद न कर सके।


यह सुनकर लोग आपस में कहने लगे, “आओ, हम यरमियाह के ख़िलाफ़ मनसूबे बाँधें, क्योंकि उस की बातें सहीह नहीं हैं। न इमाम शरीअत की हिदायत से, न दानिशमंद अच्छे मशवरों से, और न नबी अल्लाह के कलाम से महरूम हो जाएगा। आओ, हम ज़बानी उस पर हमला करें और उस की बातों पर ध्यान न दें, ख़ाह वह कुछ भी क्यों न कहे।”


क्या किसी क़ौम ने कभी अपने देवताओं को तबदील किया, गो वह हक़ीक़त में ख़ुदा नहीं हैं? हरगिज़ नहीं! लेकिन मेरी क़ौम अपनी शानो-शौकत के ख़ुदा को छोड़कर बेफ़ायदा बुतों की पूजा करने लगी है।”


उन्होंने पूछा तक नहीं कि रब कहाँ है जो हमें मिसर से निकाल लाया और रेगिस्तान में सहीह राह दिखाई, गो वह इलाक़ा वीरानो-सुनसान था। हर तरफ़ घाटियों, पानी की सख़्त कमी और तारीकी का सामना करना पड़ा। न कोई उसमें से गुज़रता, न कोई वहाँ रहता है।


“मेरी क़ौम अहमक़ है और मुझे नहीं जानती। वह बेवुक़ूफ़ और नासमझ बच्चे हैं। गो वह ग़लत काम करने में बहुत तेज़ हैं, लेकिन भलाई करना उनकी समझ से बाहर है।”


क्योंकि नबी झूटी पेशगोइयाँ सुनाते और इमाम अपनी ही मरज़ी से हुकूमत करते हैं। और मेरी क़ौम उनका यह रवैया अज़ीज़ रखती है। लेकिन मुझे बताओ, जब यह सब कुछ ख़त्म हो जाएगा तो फिर तुम क्या करोगे?


लेकिन अफ़सोस, तुम फ़रेबदेह अलफ़ाज़ पर भरोसा रखते हो जो फ़ज़ूल ही हैं।


इसके बजाए वह अपने ज़िद्दी दिलों की पैरवी करके बाल देवताओं के पीछे लग गए हैं। उन्होंने वही कुछ किया जो उनके बापदादा ने उन्हें सिखाया था।”


मुल्क के इमाम मेरी शरीअत से ज़्यादती करके उन चीज़ों की बेहुरमती करते हैं जो मुझे मुक़द्दस हैं। न वह मुक़द्दस और आम चीज़ों में इम्तियाज़ करते, न पाक और नापाक अशया का फ़रक़ सिखाते हैं। नीज़, वह मेरे सबत के दिन अपनी आँखों को बंद रखते हैं ताकि उस की बेहुरमती नज़र न आए। यों उनके दरमियान ही मेरी बेहुरमती की जाती है।


“ऐ आदमज़ाद, इसराईल के गल्लाबानों के ख़िलाफ़ नबुव्वत कर! उन्हें बता, ‘रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि इसराईल के गल्लाबानों पर अफ़सोस जो सिर्फ़ अपनी ही फ़िकर करते हैं। क्या गल्लाबान को रेवड़ की फ़िकर नहीं करनी चाहिए?


अफ़सोस, मेरी क़ौम इसलिए तबाह हो रही है कि वह सहीह इल्म नहीं रखती। और क्या अजब जब तुम इमामों ने यह इल्म रद्द कर दिया है। अब मैं तुम्हें भी रद्द करता हूँ। आइंदा तुम इमाम की ख़िदमत अदा नहीं करोगे। चूँकि तुम अपने ख़ुदा की शरीअत भूल गए हो इसलिए मैं तुम्हारी औलाद को भी भूल जाऊँगा।


बुत का क्या फ़ायदा? आख़िर किसी माहिर कारीगर ने उसे तराशा या ढाल लिया है, और वह झूट ही झूट की हिदायात देता है। कारीगर अपने हाथों के बुत पर भरोसा रखता है, हालाँकि वह बोल भी नहीं सकता!


क्या फ़ायदा है अगर किसी को पूरी दुनिया हासिल हो जाए, लेकिन वह अपनी जान से महरूम हो जाए? इनसान अपनी जान के बदले क्या दे सकता है?


शरीअत के आलिमो, तुम पर अफ़सोस! क्योंकि तुमने इल्म की कुंजी को छीन लिया है। न सिर्फ़ यह कि तुम ख़ुद दाख़िल नहीं हुए, बल्कि तुमने दाख़िल होनेवालों को भी रोक लिया।”


वह इस क़िस्म की हरकतें इसलिए करेंगे कि उन्होंने न बाप को जाना है, न मुझे।


लेकिन हक़ीक़त में तुमने उसे नहीं जाना जबकि मैं उसे जानता हूँ। अगर मैं कहता कि मैं उसे नहीं जानता तो मैं तुम्हारी तरह झूटा होता। लेकिन मैं उसे जानता और उसके कलाम पर अमल करता हूँ।


हमने छुपी हुई शर्मनाक बातें मुस्तरद कर दी हैं। न हम चालाकी से काम करते, न अल्लाह के कलाम में तहरीफ़ करते हैं। बल्कि हमें अपनी सिफ़ारिश की ज़रूरत भी नहीं, क्योंकि जब हम अल्लाह के हुज़ूर लोगों पर हक़ीक़त को ज़ाहिर करते हैं तो हमारी नेकनामी ख़ुद बख़ुद हर एक के ज़मीर पर ज़ाहिर हो जाती है।


वह याक़ूब को तेरी हिदायात और इसराईल को तेरी शरीअत सिखाकर तेरे सामने बख़ूर और तेरी क़ुरबानगाह पर भस्म होनेवाली क़ुरबानियाँ चढ़ाता है।


बेमानी बुतों के पीछे मत पड़ना। न वह फ़ायदे का बाइस हैं, न आपको बचा सकते हैं। उनकी कोई हैसियत नहीं है।


लेकिन एली के बेटे बदमाश थे। न वह रब को जानते थे,


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