3 तब रब का कलाम दुबारा मुझ पर नाज़िल हुआ,
3 और ख़ुदावन्द का कलाम दोबारा मुझ पर नाज़िल हुआ और उसने फ़रमाया,
मैंने ऐसा ही किया। लँगोटी ख़रीदकर मैंने उसे बाँध लिया।
“अब वह लँगोटी ले जो तूने ख़रीदकर बाँध ली है। दरियाए-फ़ुरात के पास जाकर उसे किसी चटान की दराड़ में छुपा दे।”
तब रब का कलाम मुझ पर नाज़िल हुआ,
पहले यरूशलम और यहूदाह के शहरों को उनके बादशाहों और बुज़ुर्गों समेत ग़ज़ब का प्याला पीना पड़ा। तब मुल्क मलबे का ढेर बन गया जिसे देखकर लोगों के रोंगटे खड़े हो गए। आज तक वह मज़ाक़ और लानत का निशाना है।