परमेश्वरानि अधिकार आ कि जै मैहणु तेनी बंणाउरै अत्तै, तैन्हांं सिंउ परमेश्वर अपड़ि मर्जी सिंउ जै चहिया, सै करि सकता। परमेश्वर अपड़ा गुस्सा लुहाना चांहथा थ्या, जां हर एकिरै विरूद्ध अपड़ि शक्ति प्रकट कांना चांहथा थ्या। जै नष्ट भूंणेरै हकदार अत्तै। पण परमेश्वरै ऐहीं ना कियु पण सब्र सिंउ सैक्यै सहन क्यै।