1 ऐत किना बाद मीं अक हौरा स्वर्गदूत स्वर्गा किना थल्लै उतरता लधा। तैस किनि बडा अधिकार थ्या जां तेसेरी बड़ी चमकदारी चमकी ला पूरी धरती प्रगड़ी भौ गैई।
केईनी कि जिहीं बिजई पूर्व दिशाय किना लैकरी पश्चिम दिशाय तेईनी चंमकति, तिहियें मूं यानि मैहणुरै पुत्रा बि ऐईंणु।
ऐत किना बाद तैस दुष्ट मैहणु प्रकट भूंणु, पण बाद मझ जेख्णी प्रभु यीशु ऐईंणु ता तैस एकि हुक्मै ला जै तेसैरू मुहां किना निकूंथा जां अपड़ै ऐईंणै बाउ तेनी महिमायरू प्रगड़ु ला सैक्या दुष्ट मारी छडणा।
तां मीं अक हौरा शक्तिशाली स्वर्गदूत, जेसेरै चोउवो पासै बदअ थ्यै, सै स्वर्गा किना उतरता तका; जां अक इन्द्रधनुष तेसेरै शिरेरै चोउवो पासै थ्या। तेसैरू मुँह सूरजा सैयि चमकतु थियु जां तेसैरी जंघै जअतै खम्भै सैयि थी।
जैन्हां सत्ता स्वर्गदूता किनि सै सत्त कटोरै थ्यै, तैन्हांं मझ एकि अईछी करि मूं सिंउ ऐ बौलु, “इदि आ, मूं ताउनि लुहानु कि परमेश्वरा किहीं तैस बडी वैश्यैनि दंण्ड दींणा, जै एकि ऐतेई जगाय पन बेशती, जेठि केही नदी अत्ति।
तेनी स्वर्गदूतै मूं सिंउ बौलु, “तु परेशानि मझ केईनी आ पूंता? मूं ऐस जनानिरै जां जै रागसा पन सवार आ, जेसेरै सत्त मुन्डक जां दश शिंगै अत्तै; ऐन्हां दोईयो केरा जै गुप्त मतलब आ, सै मूं ताउनि शुणांणा।”
तैड़ि ना ता दीहेरू ना शुकईरी चमकिरी जरूरत आ, केईनी कि सै शहर परमेश्वरेरै जां यीशु मसीहरू प्रगड़ु ला चमकता। जां मेम्ना तेसैरा दीया आ।