प्रकाशित वाक्य 14:1 - चुराही नवाँ नियम1 ऐड़ां बाद मीं किछ होरू लधु। मीं सिय्योन पहाड़ेरी चोटी पनि मेम्ना खड़ा लधा। तैस सिंउ अक लख चुरताई हजार मैहणु थ्यै, तैन्हांं केरै मत्थै पन यीशुरू नाँ जां तेसेरै पिताऐरु नाँ लिखोरू थियु। Faic an caibideil |
जै बुराई पन जीत हासिल कातै, सैक्यै परमेश्वरेरै मंदरा मझ लगोरै खम्भै सैयि भूंणै, जेसैरी आंउ अराधना काता जां तैन्हांं सैक्या कदि बि छडणा ना पूंणा। मूं तैस खम्भै पन ऐ लुहानेरै तेईनी कि तुवे मिंडै अत्तै, परमेश्वरेरू नाँ लिखणु जां परमेश्वरेरै तैस नवें शहरैरू नाँ लिखणु, जैसनि यरूशलेम बोलतै। ऐ सैहै शहर आ, जै स्वर्गा किना थल्लै ऐईंणा। मूं तैस पन अपड़ु नऊं नाँ लिखणु।
तां मीं अक पीला घौड़ा लधा; तैस पन जै स्वार थ्या, तेसैरू नाँ मोउत थियु; जां अधोलोक तैस पिचोरै-पिचोरै चलौरा थ्या। तेन्हांनि धरती पन बेशणारा हर चोउवा मैहणुवांं मझां एकि मांनैरा अधिकार मैआ। तैन्हैं सैक्यै तलवारी ला मारी छडै, भ्रुखै ला मारी छडै, तैन्हैं सैक्यै बुरी-बुरी बिमारियै ला मारी छडै, जां तैन्हैं सैक्यै बणियां जीवा किना मरवा छडाय।