प्रकाशित वाक्य 13:18 - चुराही नवाँ नियम18 ऐस समझणेरै तेईनी ज्ञान भूंणा जरूरी आ। जेनि ज्ञानै ला सै बुझि सकता कि ऐस रागसेरै नम्बरैरा मतलब कितु आ; केईनी कि ऐ एकि मैहणुरू नाँ आ। ऐ नम्बर छी शाउ छियाठ (666) आ। Faic an caibideil |
तां मीं तकाउ जै समुन्द्रा सैयि लाधी ऐईछींथियु जां शिशै सैयि चमकतु थियु जां तैस मझ आग बि मिलौरी थी। मीं सैक्यै मैहणु बि लधै, जै तैस पशु किना हारोरै ना थ्यै। तैन्हैं पशु सैयि रागसैरी जां मूर्तिरी पूजा ना केईथी जां तैन्हांं पन सै रागसैरू नाँ बाई छाप बि ना थी लगौरी। तैठि सैक्यै तैस समुन्द्रेरै पासै खड़ै थ्यै जां तैन्हैं सभनियें अक वींणा पकड़ोरी थी, जै तेन्हांनि परमेश्वरै दितोरी थी।