प्रकाशित वाक्य 11:5 - चुराही नवाँ नियम5 जां अगर कोई तेन्हांनि नुकसान दींणा चांहथा, ता तैन्हांं केरू मुँहा किना आग निकोहि करि, तैन्हांं केरै दुशमणा भस्म काति जां अगर कोई तेन्हांनि नुकसान दींणा चाहला, ता जरूर सैक्यै ऐहियें-चारै मारी छडणै। Faic an caibideil |