15 तेसेरै पैयिड़ भठी मझ ताऔरै पित्तआ सैई चमकतै थ्यै। जां तेसैरी आवाज हड़ाउरै दरैवा सैई गुणूंणा काति थी।
तां मीं अक हौरा शक्तिशाली स्वर्गदूत, जेसेरै चोउवो पासै बदअ थ्यै, सै स्वर्गा किना उतरता तका; जां अक इन्द्रधनुष तेसेरै शिरेरै चोउवो पासै थ्या। तेसैरू मुँह सूरजा सैयि चमकतु थियु जां तेसैरी जंघै जअतै खम्भै सैयि थी।
जां मीं स्वर्गा मझ कोसकेरी आवाज शुणि जै छौऐरू तैज पांणी सैयि जां गुड़कणेरी आवाजि सैयि भारी थी। जै आवाज मीं शुणथी, सै तैस आवाजि सैयि थी, जीं मैहणु सीनांह बजांतै थ्यै।
तां मीं खासा मैहणुवां केरी चिंडै शुणि। ऐन्हां केरी आवाज छौऐरू पांणी सैयि जां अम्बर गुड़कणेरी आवाजि सैयि थी; तैन्हैं बौलु, “ऐईछा, असै सर्वशक्तिमान परमेश्वरेरी स्तुति कातै, केईनी कि असैड़ा सर्वशक्तिमान परमेश्वर राजा।
तेनी मूं सिंउ बौलु, कि थुआतीरा शहरेरा विश्वासी मैहणुवां केरै स्वर्गदूतानि ऐ चिट्ठी लिख; कि आंउ परमेश्वरा पुत्र ताउ सिंउ ऐ गलै बोलता जां तेसेरै टीरै आगिरी लाउवी सैयि चमकतै जां जिहीं आगिरै सैका पित्तअ चमकती, तिहिंयें तेसेरै पैयिड़ बि पित्तआ सैयि चमकतै अत्तै; तेनी मूं सिंउ बौलु, कि