2 ऐक्यु शुणि करि यीशु तैन्हांं सिंउ बौलु, “क्या तुवे ऐहीं समझतै कि ऐक्यै गलील प्रदेशेरै मैहणु बाकि सभनियांं गलीली मैहणुवां किना ज्यादा पापी थ्यै? कि तेन्हैरी ऐ हालत भुई।”
तैस टैंमा किछ मैहणु जै तैठि थ्यै तैन्हैं यीशु सिंउ बौलु, कि रोमी राज्यपाल पिलातुसै गलील जिल्हेरै किछ मैहणु मारी छडथियै, जेख्णी सै मंदरा मझ बलिदान चाढ़तै थ्यै।
आंउ तुहां सिंउ बोलता अगर तुवे बि बुरै कम छडि करि अपड़ा मंन परमेश्वरा धेरै ना फेरेलै ता तुवे बि ऐहियें-चारै नष्ट भूंणैं जिहीं सैक्यै नष्ट भोरै थ्यै।
तुवे तैन्हांं अठाहरा मैहणुवां केरै बारै मझ कितु सोचतै, जैन्हां पनि शीलोहेरै इलाके मझ घौड़ा केरी सभनियांं उथड़ि कंन्थ छिढ़ि, जां सै सारै तैस थल्लै गहि करि मरि ग्यै; ता क्या सै यरूशलेम शहरा मझ रींहणारा किना जादै पापी थ्यै?
यीशुरै चैलै यीशु किना पुच्छु, “हे गुरू! कुनि पाप क्यौरा थ्या, ऐनि या ऐसेरै मयि बबै पाप क्यौरा थ्या? कि ऐ जंमतै सिंउ कांणा थ्या।”
जेख्णी टापु पन रींहणारै मैहणुवें कीड़ा तेसैरी बहि पन लटकौरा लधा ता तैन्हैं योकिया मझ बौलु, “सच मझ ऐ मैहणु खूनी आ, ऐड़ि तेईनी कि समुद्री तूफाना किना बचि ग्या, तां बि असेड़ि न्याएरी देवी ऐ जींता ना दिता रींहणा।”