किछ मैहणु सौचतै कि प्रभु जै अपड़ै ऐईंणेरै बारै मझ वायदा क्यौरा, तैस वायदै पूरा कांना मझ देरी काता; पण प्रभु देर ना, पण सब्र काता, केईनी कि प्रभु ना चांहथा, कि सारै मैहणु नाश भौ गहिया; पण प्रभु चांहथा कि हर कोई अपड़ा मंन फेरिया जां गलत कंम कांने बंद करि दिया जां तैस किनि अईछी गहिया।