16 तुवे हर टैंम प्रभु मझ खुश रिय्हा।
ता आनन्दित जां मघन भौ, केईनी कि तुवाड़ै तेईनी परमेश्वरै स्वर्गा मझ बड़ा बडा ईनाम रखौरा आ। ऐठणीरै तेईनी कि मैहणुवें सैक्यै भविष्यवक्ता बि जै बड़ै साल पेहिलै थ्यै सै बि ऐहियें-चारै सताउरै थ्यै।
तां बि ऐन्हैं गलै ला खुश मेईं भूंतै कि बुरी आत्माय तुवाड़ै वंशा मझ अत्ति; पण ऐठणीरै तेईनी खुशी मनाय कि परमेश्वरै तुवाड़ै नाँईयें स्वर्गा मझ लिखि लियोरै अत्तै।”
मैहणुवें यीशु सिंउ बौलु, “हे प्रभु! असुनि हमेशा ऐसै रोटी दियां कर।”
असु किनि जै उम्मीद आ, तेसेरी वजहि ला आनन्द मना; परेशानियां मझ सब्र रखा; प्रार्थना कातै रिय्हा।
असै दुखा मझ थ्यै, पण हमेशा खुश रींहथै;असु ऐपु किनि ता किछ ना; पण तांबि बड़ै सारै मैहणु आत्मिक रूप सिंउ धनवान बंणा दित्तै। बेशक असु किनि संसारिक धन-दौलत ना, तांबि असु किनि सभ-किछ आ।
तुवे मैहणु प्रभु मझ हर टैंम आनन्दित बेशा; आंउ दुबारे फिरी बोलता कि आनन्दित बेशा।