ऐ तैन्हांं मैहणुवां केरी आत्माय थी, जैन्हैं बड़ै टैंम पेहिलै परमेश्वरेरी आज्ञाय ना थी मनोरी। जेख्णी नूह जहाज बणांता थ्या, ता परमेश्वर आराम सिंउ इन्तजार काता थ्या, कि क्या सैक्यै होरै मैहणु अपड़ै पापा किना बदलेलै; पण सिर्फ अट्ठै मैहणु तैस खतरनाक जल-प्रलय किना बचै, बाकि सारै नाश भौ गेईथियै।