प्रकासित बाक्य 3:3 - बृज भासा3 जामारैं तू चेत जा और यादकर कै तैनें कैसी सिक्छा पाईए और सुनीए तू बाई में बनो रैह और अपनों मन फिरा, जो तू चेतैगो नांय तौ मैं चोर की तरैह ते आ जाऊंगो, और तू कबऊ नांय जान पाबैगौ के मैं तेरे जौरें कब आ परूंगो। Faic an caibideil |