फिर मैंनें एक आकासबानी सुनी, बू एक नदी के पानी के बैहबे और बादर के गरजबे की सी अबाज सुरग ते आती भयी सुनाई दयी। मैंनें जो अबाज सुनी हती बू बीना बजाबे बारेन की सी हती।
सुरग में मैंनें फिर एक अदभुत चिन्न देखौ, कै सात सुरग दूत जौ सात अखीरी बिपत्तीन कूं लिये भये हैं। जे अखीरी बिपत्ती हैं चौंकि जाके बाद परमेस्वर के गुस्सा कौ कोप खतम है जाबैगौ।
बा राजगद्दी में ते बिजली की चकाचौंध, घड़घड़ाहट, बादल की गर्जन निकल रयी हती। और राजगद्दी के सामनेई लपलपाती भई सात मसालें जल रयीं हतीं। जे मसालें परमेस्वर की सात आतमांऐ हैं।