बू थोड़ी आगे जायकै मौंह के बल गिरके पिराथना करबे लगौ, “मेरे पिता, अगर है सकै तौ जि दुख कौ पियालौ मेरे सामने ते हट जाबे। फिरऊ मेरी नांय पर तेरी इच्छा पूरी होय।”
मेरौ पिरान मोते कोई छीन नांय सकत पर मैं अपनों पिरान खुदई दै रयौऊं। मोय अपनों पिरान दैबे कौऊ अधिकारै और बाय फिर ते लैबे कौऊ अधिकारै। जि आग्या मोय अपने परमेस्वर पिता ते मिली है।”
जि बात तौ जामारै है रयी है कै जा जगत के लोगन कूं पतौ चल जाय कै, मैं पिता ते पिरेम करतूं और परमेस्वर पिता नें मोय जैसी आग्या दयी है, मैं बैसौई काम करतूं। “अब उठो, य्हांते चलें।”
बानें हमारे काजै अपने आप कूं दै दियौ, जाते बू हमें हर तरैह के पापन ते छुड़ा लैबै और हमें एक ऐसी सुद्ध पिरजा बनाबै, जो वाकी खुद की होय और बे भले-भले काम करबे काजै लालायित होय।
आओ हम, हमारे भरोसे के मालिक और सिद्ध करबे बारे ईसू पै नजर लगायें, जानें बा आनन्द के काजै जो वाके सामने मौजूद हतो, लज्जा की कछू चिंता नां करके क्रूस कौ दुख सहयौ, और परमेस्वर के सिंहासन के दाहिने हात बैठ गयौ।
बानें हमारे सबरे पापन कूं अपने ऊपर लै लियौ और क्रूस पै चढ़ गयौ, जाते हम पापन के काजै मरकें धारमिकता के काजै जीबन बितामें वाकी मार खायबे तेई हम भले-चंगे भये है।