13 जब तू आबै तौ त्रोआस नगर में करपुस के घर ते मेरौ कुरता, किताब और खासकर चरमपत्र कूं तू ध्यान ते लेतो अइओ।
अगर कोई तुमते तुमारौ कुरता जबरन लेबौ चाहबे तौ तुम बाय अपनी लोईऊ दै दियौं।
हम त्रोआस ते जहाज में बैठकै सुमात्राके टापू पौहचे, मांते दूसरे दिना नियापुलिस पौंहचे,
जामारै बे मुसिया पिरदेस ते हैके त्रोआस नगर में आये।
बानें जि बात कही के, “तुम मेरौ मौंह फिर कबऊ नांय देखोगे,” जा बात ते भौत दुखी हते। फिर उन्नें बू जहाज पै सुरछित पौहचाय दयौ।
हम जा समै भूंके और पियासेऐं, फटे पुराने कपड़ा पहन रये हैं, मार खाय रये हैं, भटकत फिर रये हैं।
मैंनें कर्री मेहनत करके, थकाबट ते चूर हैकै जीबन जीयौऐ। मैं भौत मौकेन पै सोयौऊ नांय पायौ और कैऊ दिना तक भूखौ पियासौ रैहकें, जाड़े में कम कपड़न की बजैह ते ठठूरत रयौऊं।