पर हम जि देखैं कै मौत की यातना सैहबे की बजैह ते ईसू कूं महिमा और आदर कौ मुकुट पहरायौ गयौ है। बू सुरग दूतन ते कछूई छोटौ बनांयौ गयौ हतो, जाते बू परमेस्वर की किरपा ते हर एक मनुस्य के काजै मर जाबै।
जो दुख तोय झेलने हैं बे तौ झेलनेई हैं पर बिनते तू डरपियो मत। चौंकि सैतान तुम मैं ते कछुन्नें जेल खाने में डारैगौ और बे परखे जांगे और दस दिनां तक कलेस उठांगे। चाहे तुमें मौत आ जाबे तौऊ भरोसे योग्य रहिओं तौ मैं तुमें जीबन कौ मुकुट दुंगो।