अब तुम सबऊ जाई तरैह ते दुखी हुंगे और मैं तुमते जब दुबारा मिलूंगौ तब तुमारौ मन आनन्द में बदल जाबैगौ और तुमारे बा आनन्द कूं तुमते कोई छिनांय नांय पाबेगौ।
हे भईयाओ, जब कछू दिनान के काजै हम सरीर ते तौ तुमते अलग है गये हते, जबकि मन ते तौ तुमारे जौरें हते बा समै तुमें देखबे की हमें भौत इच्छा भयी और हमनें तुमते दुबारा मिलबे की भौत कोसिस करी हती।
चौंकि जो राजगद्दीन के बीच में बू मैमना बिनकी रखबाली करैगौ, और बिनें जीबन रूपी जल के सोतान के जौरें लैजाय करैगौ, और परमेस्वर बिनकी आँखन मैं ते सब आँसून्नें पौंछ डारैगौ।”