हे कपटी सास्त्रन कूं सिखाबे बारेऔ और फरीसियौ तुम पै हाय। तुम एक आदमी कूं अपने मत में लायबे काजै दिन रात एक कर देतौ। जब बू तुमारे मत में आय जाबते तौ तुम बाय अपनी तरैह ते नरक की सन्तान बनांय दैतौ। तुम बिधबान की सम्पत्तीय खाय जातौ। और दिखावे काजै बे लम्बी-लम्बी पिराथना करते रहतौ, जाई मारें तुम लोगन कूं परमेस्वर ज्यादा दन्ड दैबैगौ।