4 तौ ऐसौ आदमी अभिमानी और घमन्डी है, पर बू कछू नांय जानै। वाकी बुद्धी भ्रस्ट है गई है और बाय हर बात पै बहस करबे की बीमारी है। वाके मौंह ते जलन अपमान, दोस की बात और बुरे बुरे बहम निकरैं।
पौलुस और बरनबास बिनकी जा बात ते सहमत नांय हते, जा बजैह ते बिनके बीच में बाद-बिबाद पैदा है गयौ। जा बात के समाधान काजै पौलुस और बरनबास और वाके कछू संगीन कूं भेजे भये चेलान और कलिसिया के अगुवन जौरे येरूसलेम भेजबे कौ निस्चय करौ गयौ।
जामारै हम बैसेई उत्तम रीति ते रहें जैसे दिन के समै रहते हैं। खा पीकै धुत्त ना है जाओ। लुच्चपन, कुकर्म, व्यभिचार में ना पड़ें, ना झगड़े और नांई ईरसा रखें।
चौंकि पैहली बात तौ जि है कै, मेरे सुनबे में आयौ है कै जब तुम लोग कलिसिया में इकठ्ठे होतौ तब तुम में आपस में फूट साफ दीखाई देतै। और कऊं तक मैं जा बात पै भरोसौ करतूं।
कोई अपने आप कूं धोकौ नांय देय। अगर कोई तुम में ते जि सोच रयौ होय, कै जा संसार के अनुसार तौ हम बुद्धिमानें तौ बू सच मुच कौ ग्यानी बनवे काजै अपने आप कूं मूरख बनांय लेबै।
अगर कोई तुमें दास बनांय लेतुए, तुमारी धन सम्पती खा जातै, या धोके ते फसाय लेतुए और अपने आप कूं बड़ौ बताबे और तुमारे मौंह पै थप्पड़ मारै और तुम वाकी सह लेतौ।
कोई मनुस्य तुमारे जौरें दीनता कौ दिखाबौ करकें, और दूतन की पूजा कराकैं, बा प्रतिफल ते वंचित ना कर दैबै जो तुमें मिलवे बारौ है। ऐसौ आदमी हमेसा बिन दिव्य दरसनन के बारे में झूंठ बोलतौ रैहबै पर जे सबरी फालतू की बात हैं अपने स्बार्थ के काजै अपने आप कूं में फूले रैहमें।
जो बिरोध करै और अपने आपकूं सबसे बड़ौ बताबै और य्हाँ तक कि बू परमेस्वर और जो पूज्य कहलामें बिनकौ बिरोध करैगौ और बड़े पिराथना घर में बैठकै अपने आप कूं परमेस्वर बताबैगौ।
और बिन मनगढ़न्त कहानी और बिन पीढ़ीन पै मन ना लगामें, जो लड़ाई झगडे़ करबामें और परमेस्वर की बा इच्छा कूं पूरौ नांय करैं जो केबल भरोसे तेई पूरी करी जा सकते हैं।
लोगन कूं इन बातन कौ ध्यान दिलातौ रैह और परमेस्वर कूं गबाह मानकै बिनते बिनती करतौ रैह, बे भौत से सब्दन के बारे में आपस में लड़ाई झगड़ौ नां करें। चौंकि जाते कोई फायदा नां हैबै बल्कि जो इन्हें सुनं बिनके काजै ये नांस कौ कारन है सके।
पर जे लोग तौ नासमझ जानबर की तरैह हैं। बू सिकार हैबे और मारे जाबे काजै पैदा भये हैं। बे बिन बातन की निन्दा करें जिनें बे नांय समझें। बे पसुन की तरैह नांस है जांगे।
जे बे लोग हैं, जो भुनभुनाते रैहमें और दूसरेन में खोट निकारते रैहमें। जे अपनी इच्छान के अनुसार चलबे बारे हैं और अपने मौंह ते घमन्ड की बात बोलें और अपने लाभ के काजै दूसरेन की खुसामद करें।
तू जे कैहबै कै, ‘मैं धनी है गयौऊं और धनबान है गयौऊं मोय काऊ बात की घटी नांय।’ जामारैं तू जि नांय जानें कै तू कितनौ अभागौ और तुच्छ और कंगाल और अन्धौ और नंगौए।